जानिए बिम्सटेक के बारे में || Know About Bimstec

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परिचय :

BIMSTEC का पूरा नाम Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation है. इसमे सात पड़ोसी देश शामिल हैं जो कि बंगाल की खाड़ी से जुड़े हैं | मूल रूप से यह एक सहयोगात्मक संगठन है. BIMSTEC का गठन व्यापार, ऊर्जा, पर्यटन, मत्स्य पालन, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों आपसी सहयोग के लिए किया गया था. परंतु बाद में कृषि, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, संस्कृति, जनसंपर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु-परिवर्तन जैसे क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया |

महत्वपूर्ण तथ्य :

  1. बैंकॉक में 6 जून 1997 को  बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाइलैंड इनकॉमिक कॉर्पोरेशन नाम से एक क्षेत्रीय समूह की स्थापना की गई थी.
  2. उस वक्त इन देशों के पहले नाम के अक्षरों के आधार पर इसका नाम BIST-EC रखा गया था.
  3. परन्तु 2 दिसंबर 1997 को म्यांमार भी इसका पूर्णकालिक सदस्य बन गया. ऐसे में BIMST-EC इसका नाम कर दिया.
  4. कुछ  वर्ष बाद  2004 में नेपाल औऱ भूटान भी इसके सदस्य बन गए.
  5. इस कारण 1 जुलाई 2004 को इस संस्था के नाम का अर्थ बदलते हुए ‘बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फ़ॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक कोऑपरेशन’ कर दिया गया.
  6. मल्टी सेक्टर में तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव बनाया गया था।
  7. इसमें दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सदस्य देश हैं।

जानिए बिम्सटेक के बारे में :

  1. यह एक तरह से बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीप देशों का एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोगी संगठन है.
  2. इसमें बांग्लादेश, भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश , म्यांमार, थाईलैंड जैसे 7 देश शामिल हैं.
  3. BIMSTEC का स्थायी मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में है |
  4. चौथा BIMSTEC शिखर सम्मेलन नेपाल में वर्ष 2018 में हुआ था इस शिखर सम्मेलन का विषय बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित था.
  5. BIMSTEC के विकास के लिए इस संगठन का डेवलपमेंटल पार्टनर एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) बना. बिम्सटेक देशों के बीच में भौतिक संपर्क, आर्थिक संपर्क और सांस्कृतिक संपर्क इन तीनों को बढ़ाने के लिए एडीबी प्रोत्साहन करता है और फंड देता है.
  6. वर्ष 2005 में BIMSTEC का आंतरिक व्यापार महज 25.16 अरब डॉलर था जो वर्ष 2013 में बढ़कर 74.63 अरब डॉलर हो गया. मुक्त व्यापार समझौते के लागू होने के बाद इस समूह के अंदर व्यापार में 43 से 59 अरब डॉलर तक की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन इसके लिए हर सदस्य देश को अपने यहां यातायात और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं में बहुत अधिक बेहतरी करनी होगी.

बिम्सटेक क्या हैं लक्ष्य?

BIMSTEC ने लगभग 14 एजेंडे तय किए हैं, जो आपस में आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर आधारित हैं. हर बार इन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाती है मगर इन सभी मुद्दों पर बात हो पाना संभव नहीं है.  इनमें कुछ प्रमुख मुद्दे में पर्यटन, जलवायु परिवर्तन, तकनीक से लेकर कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अधिक सहयोग शामिल है.

BIMSTEC के सदस्य देशों में फ्री ट्रेड अग्रीमेंट का प्रस्ताव है ताकि आपस में व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके.
अभी इन देशों में आपस में इतना ट्रेड नहीं है. कुछ में है, जैसे भारत और श्रीलंका में, भारत और नेपाल में या म्यांमार और थाइलैंड के बीच. .मगर भारत का थाइलैंड के साथ या नेपाल का बांग्लादेश के साथ उतना ट्रेड नहीं है.

BIMSTEC शिखर सम्मेलन :

शिखर सम्मेलन तिथि मेजवान देश मेजवान शहर
पहला 31 जुलाई 2004 थाइलैंड बैंकॉक
दूसरा 13 नवम्बर 2008 भारत नई दिल्ली
तीसरा 4 मार्च 2014 म्यांमार ने पई दव (Nay Pyi Daw)
चौथा 30-31 अगस्त 2018 नेपाल काठमांडू
पांचवां प्रस्तावित श्रीलंका कोलम्बो

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